मदहोश करता जिनके जीने का ढंग,
देश को लूट कर, लाखों काट रहें हैं,
घुन की तरह व्यवस्था को चाट रहें है।
ऐसे ही एक नेताजी, हैं जो देश के कर्णधार,
दर्शन दुर्लभ जिनके, पाँच साल में एक बार!!
चुनाव के माहौल में, होली खेलने आ गये,
और हमारे मोहल्ले के हुड़दंग में छा गये।
नेता जी को यूं “खास” से “आम” होता देख सभी चौकें!
कुत्ते जो भागते थे गाडियों के पीछे, आज जी भर के भौंके।
पड़ोस के पाण्ड़े जी, आखिर पूछ ही बैठे-- ,
“नेताजी ! कहाँ से आ गयी आज हमारी याद??
तब वे बोले-- ,
“मान्यवर ! जल्द ही होने वाली है, वोटों की बरसात!
आज आप की गुझिया और लड्डू खायेंगें,
और अगले पाँच साल तक देश को तरक्की करायेंगें।”
हमनें भी “आतिथि देवो भवः” का धर्म निभाया,
और फिर नेताजी को, जी भर के रंग लगाया,
शुरुआत की हमने “अबीर” और “गुलाल” से,
भिगो दिया मेहमान को, पिचकारी की फुहार से!
तभी यकायक बदल गया, होली का माहौल!!
जब पिंटू ने किया नेताजी को गोबर से सराबोर
मिसराजी नाली से सड़कों पर बहता पानी भर लाये,
फिर तो नेताजी कई बाल्टी गंदे पानी से नहाये।
अब बारी थी मिसेज शर्मा की,
जो सड़े हुये टमाटर और सब्जियाँ ले आयीं,
उन सब की चटनी बना कर नेताजी को बहुत पोता,
कोई लाया कोलतार, तो कोई कीचड़ से भरा लोटा।
सभी मोहल्ले वालों ने नेता जी को बहुत छकाया,
जिसके हाथ जो भी आया, जी भर के लगाया।
फिर वहाँ कुछ पत्रकार और चेनेल वाले आ गये,
नेता जी का बुरा हाल देख वो सभी शरमा गये
एक ने मुस्कुरा कर पूछा--,
“नेताजी! जनता ने क्यों कर दिया, आपका बुरा हाल ???
इस पर वे बोले, “ये तो है विपक्ष की गंदी चाल !!!
भोली जनता तो मुझ पर जान लुटाती है,
हर पांच साल बाद, फिरसे कुर्सी पर बैठाती है। ”
इस पर एक पत्रकार भाई बोला--,
नेता जी! आप जनता की भावनाओं से अब न खेलें,
इस बार की होली से कुछ तो सबक ले लें !!
जनता ने आप पर कीचड़ मिट्टी डाल ये जताया है,
कि पिछ्ले पांच सालों में आप ने कितना सताया है।
नाली का गंदा पानी है वो “महंगाई”,
जिसने सभी के घरों में आग लगाई।
आपके “अत्याचारों” का सबक है कोलतार,
सड़े टमाटर और सब्जियाँ हैं आप का “भ्रष्टाचार”।
आपके कारनामों से होकर लाचार,
दिया है रंगो का ये उपहार!!!
नेताजी! अब घर जाईये, पहले ये गंदगी छुड़ाइये,
फिर अगली बार जनता से वोट लेने आइये।
शर्मशार हों नेताजी, ऐसी बात पत्रकार ने बोली है!!!
आकर गिरा रंगभरा गुब्बारा तभी एक,
मोहल्ले वाले चिल्ला रहे थे--
“बुरा न मानों होली है !
बुरा न मानों होली है !”
- राहुल